खोना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खोना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ क्षेपण, प्रा॰ खेवण सं॰ √क्षी का प्रे॰ क्षप्]
१. अपने पास की वस्तु को निकल जाने देना । व्यर्थ फेंक देना । गँवाना । जैसे,—उसने अपनी पुस्तक खो दी ।
२. भूल से किसी वस्तु को कहीं छोड़ आना ।
३. खराब करना । बिगाड़ना । नष्ट करना । संयो॰ क्रि॰—देना । —डालना ।
खोना ^२ क्रि॰ अ॰ पास की वस्तु का निकल जाना । किसी वस्तु का कहीं भूल से छूट जाना । संयो॰ क्रि॰—जाना । विशेष—संयोज्य क्रिया के साथ ही यह क्रिया अकर्मक भाववाच्य रूप में आती है, अकेले नहीं । मुहा॰-खोया जाना = चकपका जाना । सिटपिटा जाना । हक्का बक्का होना । घबराना । खोया खोया रहना = किसी विचार या चिंता में डूब जाना । सुध बुध न रहना ।