चूमना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]चूमना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ चुम्बन] प्रेम के आवेश में अथवा यों ही होठों से (किसी दूसरे के) गाल आदि अंगों को अथवा किसी और पदार्थ को स्पर्श करना, चूसना या दबाना । चुंमा लेना । बोसा लेना । मुहा॰— चूमकर छोड़ देना = किसी भारी कार्य को आरंभ करके या किसी वस्तु को छूकर बिना उसका पूरा उपयोग किए छोड़ देना । चूमना चाटना प्यार करना । चूमना । विशेष— किसी किसी देश में आदर सम्मान के लिये भी बड़ों के हाथ आदि अंगों को चूमते हैं ।
चूमना ^२ संज्ञा पुं॰ हिंदुओं में विवाह कि एक रस्म जिसमें वर की अँजुली में चावल और जौ भरकर पाँच सोहागिनी स्त्रियाँ मंगल गीत गाती हुई वर के माथे, कंधे और घुटने आदि पाँच अगों को हरी दूब से छूती और तब उस दूब को चूमकर फेंक देती हैं ।