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कम्प्यट
ू र अध्ययन
भाग – 2
bihar Computer Teacher
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इं टरनेट की काययप्रणाली (Working of Internet)
• इं टरने ट से जु ड़ने के वलए हमें इं टरने ट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider- ISP) की आवश्यकता ह ती हैं ज हमें
इं टरने ट से जु ड़ने के वववभन्न तरीके जै से - िायल-अप, cable, fiber ऑविक्स या Wi-Fi आवद प्रदान करते हैं I
• User क इं टरने ट सेवाएाँ ले ने के वलए सामान्यतः द प्रकार के connection वमलते हैं –
1. Dial up Connection – इसमें user क अपने computer से अपने ISP का एक ववशेष नं बर िायल करना पड़ता
हैं I ISP से संपकक जु ड़ते ही user इं टरने ट से जु ड़ जाता हैं I िायल उप एक अस्थायी connection ह ता हैं क्य वक
connection establish करने के वलए िायल करना ह ता हैं I
2. Direct Connection – इसमें user, ISP से सीधे एक cable या dedicated फ़ न लाइन से जु ड़ा ह ता हैं I अवधक
speed के वलए Leased लाइन काम में ली जाती हैं I
इं टरानेट (Intranet)
एक संगठन के भीतर वनजी कम्प्यूटर ने टवकों का समू ह इं टराने ट कहलाता है । इं टराने ट िाटा साझा करने की क्षमता तथा संगठन
के कमक चाररय ं के समग्र ज्ञान क बेहतर बनाने के वलए ने टवकक प्रौद्य वगवकय ं (Network Technologies) के प्रय ग द्वारा
व्यक्तिय ं के समू ह के बीच संचार की सु ववधा क आसान करता है ।
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1. डायल-अप कने क्शन (Dial-up connection)-
• िायल-अप पूवक उपक्तस्थत टे लीफ न लाइन की सहायता से इं टरने ट से जुड़ने का एक माध्यम है । जब भी उपय गकताक
िायल-अप कने क्शन क चलाता है , त पहले मॉिम, इं टरनेट सववकस प्र वाइिर (ISP) से कने क्शन स्थावपत करता है
वजसमें सामान्य रूप से दस Seconds लगते हैं ।
• उदाहरण के वलए, कुछ प्रवसद्ध ISP के नाम है -Airtel, BSNL, MTNL, Jio आवद।
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▪ वायमै क्स मु ख्यतः बड़ी दू ररय ं व ज्यादा उपय गकताक के वलए Wi-Fi की भााँ वत है , वकन्तु उससे भी ज्यादा गवत
से इं टरने ट सुववधा प्रदान करने के वलए प्रयुि ह ता है । Wi-max क WiMAX forum ने बनाया था, वजसकी
स्थापना जून, 2001 में हुई थी।
o मोबाइल वारलेस ब्रॉडबैं ड सतवय सेि (Mobile Wireless Broadband Services)- िॉिबैंि सेवाएाँ म बाइल
व टे लीफ न सववकस प्र वाइिर से भी उपलब्ध हैं । इस प्रकार की सेवाएाँ सामान्य रूप से म बाइल ग्राहक ं के वलए
उवचत है । इससे प्राप्त ह ने वाली स्पीि बहुत कम ह ती है ।
o सेटेलाइट (Satellite)- जहााँ इं टरने ट connection की पहुाँ च न ह , ऐसे क्षे त् में satellite के द्वारा इं टरने ट का
उपय ग कर सकते हैं I satellite 12 से 100 एमबीपीएस सेटेलाइट, टे लीफ न तथा टे लीववजन सेवाओं के वलए
आवश्यक वलं क उपलब्ध कराते हैं । इसके साथ िॉिबैंि सेवाओं में भी इसकी महत्वपूणक भूवमका है ।
प्रोटोकॉल्स (Protocols)
• प्र ट कॉल वनयम ं का वह सेट है ज वक िाटा कम्यु वनकेशन्स (communications) की दे खरे ख करता है ।
• प्र ट कॉल वनम्न सुववधाएाँ प्रदान करता हैं –
o टर ां सवमशन मीविया व्यवक्तस्थत हैं या नहीं ?
o ने टवकक elements एक दू सरे से जु ड़े हैं या नहीं ?
o कब और वकतना िाटा transfer ह रहा हैं ?
• इं टरने ट पर सूचनाओ के आदान-प्रदान के वलए वजन प्र ट कॉल का उपय ग वकया जाता हैं उन्हें इं टरने ट या वेब प्र ट कॉल
कहते हैं I इन प्र ट कॉल के माध्यम से वववभन्न वेब पेज, वेब सवकर से िाउज़र तक भे जे जाते हैं I
• Protocol के तनम्न अवयव (elements) होिे हैं –
o Syntax - यह िाटा क represent करने का structure और फॉमे ट ह ता हैं I
o Semantic - यह इनफामे शन वबट् स क interpret करने के वनयम पररभावषत करता हैं I
o Timing - यह प्र ट कॉल की sending और receive speed क define करता हैं I
• सूचनाओं के आदान-प्रदान के वलए वेब पर कुछ प्र ट कॉल जै से की TCP/IP, PPP, HTTP, FTP, SMTP आवद का प्रय ग
वकया जाता हैं I
1. TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol)- TCP/IP, end to end कने क्तरववटी (वजसमें
िाटा की फॉमे वटं ग, एिरेवसंग संचरण के रूट् स और इसे प्राप्त करने की वववध इत्यावद सक्तिवलत हैं ) प्रदान करता है ।
इस प्रोटोकॉल के मुख्य रूप से दो भाग हैं -
(i) TCP, (ii) IPTCP
(i) TCP (Transmission Control Protocol) –
• यह सन्दे श क प्रेषक (sender) के पास ही पैकेट ं के एक सेट में बदल दे ता है । वजसे प्राप्तकताक के पास पुनः
इकट्ठा कर सन्दे श क वापस हावसल कर वलया जाता है ।
• इसे कने क्शन ओररएं टि (Connection Oriented) प्र ट कॉल भी कहते हैं ।
• TCP, OSI मॉिल की टर ां सप टक layer से मे ल खाता हैं I
• TCP वनवदक ष्ट् करता करता हैं वक इं टरने ट पर िाटा का आदान-प्रदान कैसे वकया जाता हैं और इसे आईपी पैकेट
में कैसे त िा जाना चावहए I
(ii) IP (Internet Protocol) –
• यह वववभन्न कम्प्यूटर ं क ने टवकक स्थावपत करके आपस में संचार करने की अनु मवत प्रदान करता है । IP ने टवकक
पर पैकेट भे जने का कायक संभालती है ।
• यह अने क मानक ं (Standard) के आधार पर पैकेट ं के एिरेस क बनाए रखता है । प्रत्येक IP पैकेट में स्त्र त
(source) तथा गन्तव्य (destination) का पता ह ता है ।
• Internet protocol िाटा क िाटाग्राम के रूप में प्रसाररत करता हैं I
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• FTP द अलग-अलग connection स्थावपत करता हैं - एक िाटा transfer के वलए हैं और दू सरा control इनफामेशन
के वलए I
• FTP कण्ट्र ल connection के वलए प टक 21 और िाटा connection के वलए प टक 20 का उपय ग करता हैं I
• FTP सॉफ्टवेयर के उदाहरण है -FileZilla, Konqueror KDE , Cross FTP, Cyberduck इत्यावद।
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8. SMTP(Simple Mail Transfer Protocol ) –
• ई. मे ल भे जने और ववतररत करने के वलए ये प्र ट कॉल महत्वपूणक हैं । यह प्र ट कॉल प्राप्तकताक की ई. मे ल आईिी प्राप्त
करने के वलए मे ल के हे िर का उपय ग करता है और मे ल क आउटग इं ग मे ल की कतार में प्रवेश करता है और जै से
ही यह मे ल प्राप्त करने वाले ई. मे ल आईिी क विलीवर करता है , यह ई. मे ल क आउटग इं ग सूची से हटा दे ता है ।
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स्टे प 1 – िाउजर DNS सवकर पर जाता है और उस सवकर का वास्तववक पता करता है वजस पर वेबसाइट रहता है ।
स्टे प 2 – िाउजर सवकर पर एक HTTP अनु र ध संदेश भे जता है । इसे वेबसाइट पर वेबसाइट की एक प्रवत भे जने के
वलए कहता है । यह संदेश, िाइं ट (client's) और सवकर के बीच भे जे गए सभी अन्य िाटा क TCP/IP का
उपय ग करके इं टरने ट कने क्शन में भेजा जाता है।
स्टे प 3 – वफर वेबसाइट की फाइल ं क एक श्ृं खला के रूप में िाउजर में भेजना शुरू कर दे ता है ।
स्टे प 4 – िाउजर छ टे वहस् ं क एक पूरी वेबसाइट में इकट्ठा करता है । और इसे आपक प्रदवशक त वर्ल्क वाइि पर
Show करता है ।
• वे ब की तवशेषिाएाँ (Feature of WWW)
o WWW एक Hyper Text Information System है ।
o वर्ल्क वाइि वेब Cross - Platform है ।
o यह Open Standards और Open Source है ।
o यह Dynamic, Interactive और Evolving है ।
o WWW इं टरने ट पर वलं क वकए गए दस्तावेज ं क ववतररत करने की एक Distributed प्रणाली है ।
o वर्ल्क वाइि वेब कई सेवाओं के वलए एकल इं टरफेस प्रदान करने के वलए वेब िाउजर का उपय ग करता है ।
2. वे ब पे ि (Web Page)-
• वेब बहुत सारे कम्प्यूटर िॉक्यूमेन्ट ं या वेब पेज ं का संग्रह है । ये िॉक्यूमेंट्स HTML में वलखे जाते हैं तथा वेब िाउजर
द्वारा प्रदवशक त वकए जाते हैं ।
• वकसी वेबसाइट के वकसी भी पेज क उसके URL से एक्सेस वकया जाता हैं I वेब पेज क HTML, DHTML, XML,
JavaScript, VB Script, C++ इत्यावद language में से वकसी भी language के प्रय ग कर वलखा जाता हैं I
• ये द प्रकार के ह ते हैं -स्टै वटक (Static) तथा िायने वमक (Dynamic) स्टै वटक वेब पेज हर बार एक्सेस करने पर एक
ही सामग्री वदखाते हैं तथा िायने वमक वेब पेज की सामग्री हर बार बदल सकती है ।
3. वे बसाइट (Website)-
• एक वेबसाइट वेब पेज ं का सं ग्रह ह ता है , वजसमें सभी वेब पेज हाइपरवलं क द्वारा एक-दू सरे से जु ड़े ह ते हैं । वकसी भी
वेबसाइट का पहला पेज ह मपेज कहलाता है ।
• website मु ख्यतः one way communication ह ती हैं I
• वे बसाइट मुख्य रूप से दो प्रकार की होिी हैं –
(i) Static वेबसाइट – ऐसी वेबसाइट वजसमे कंटें ट fix ह ता हैं , जहााँ प्रत्येक user वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री
(content) क केवल दे ख सकता हैं और उसक प्रय ग में ले सकता हैं I
(ii) Dynamic वेबसाइट – ऐसी वेबसाइट वजसमे कंटें ट पररवतकन शील (changeable) ह ती हैं I इसके कंटें ट क
user के साथ बदलने की अनुमवत वमलती हैं I
• वेबसाइट की कई प्रकार की केटे गरी हैं , जै से - Blog, E-commerce, Informational, Online community, Social
Media, Non-Profit websites, Wikipedia इत्यावद
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• 1995 ई. में माइक् सॉफ्ट द्वारा ववकवसत पहला वेब िाउज़र इं टरने ट एक्स्प्ल रर (Internet Explorer) आया I
• Apple’s Safari िाउज़र क 2003 में वषक ववशेष रूप से Macintosh computers के वलए जारी वकया गया था I
• Google Chrome िाउज़र क वषक 2008 में लां च वकया गया I
• म बाइल आधाररत िाउज़र Opera Mini क वषक 2011 में जारी वकया गया I
• माइक् सॉफ्ट Edge िाउज़र क वषक 2015 में लां च वकया गया I
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• .net- Network Facilitator (ने टवकक सुववधा दे ने वाली संस्थाएाँ ).
• .org- Non-Profitable Organization (गैर सरकारी संस्थाएाँ )
• .info- Informatic Organization (सभी के वलए सूचना उपलब्ध कराने वाली संस्थाएाँ )
• .mil — Military Organization (सैवनक संस्थाएाँ )
(ii) भौगोतलक डोमेन (Geographical Domain) – ये ि मे न नाम वकसी दे श का नाम प्रदवशक त करती है । वजनमें से
कुछ वनम्न प्रकार से है -
.in – India .fr – France
.ca – Canada .us – USA
.au – Australia .jp – Japan
9. कूकीि (Cookies) –
• सवकर द्वारा user के क मु टर पर भे जे जाने वाले िाटा समूह का भाग हैं और यह तब भे जा जाता हैं जब user सवकर
साईट क वववजट करता हैं I
• Cookies टे क्स्ट् का कुछ भाग ह ता हैं ज वेबसाइट user की हािक विस्क पर स्ट र ह ती हैं I
• Cookies तनम्न प्रकार से कायय करिी हैं –
o जब एक user explore मे URL अथाक त् website का address type करता है त browser इसकी कुकीज क
hard disk में ढाँ ढता है। वहााँ से website का DNS तथा IP address पहचानता है ।
o यवद हािक विस्क में इस website की क ई cookies नहीं वमलती है त browser इस site क पहली बार browse
करता है । website का server एक user ID बनाता है । उसे user की hard disk पर save कर दे ता है ।
• Cookies file तनम्न सूचना संग्रतहि करिा है -
o Website वकतनी बार user द्वारा surf की गई है ।
o इस website के कुल वकतने user नये browse वकये है ।
o Visitor द्वारा इस site क वकतनी बार repeat वकया गया हैं । इसके आधार पर E-Commerce की साइटें user
क दे ता है ।
o NETSCAPE तथा Internet explorer में cookies क disable भी कर सकते हैं ।
IP Address
• जब भी क ई Device Internet से Connect ह ता है , त Internet द्वारा एक ववशे ष तरीके का प्रय ग करके Connect
ह ने वाली हर Device क एक Unique Number प्रदान कर वदया जाता है । Internet द्वारा हर Device क वदए जाने
वाले इस Unique Number क उस Device का IP Address कहा जाता है I
• यह एक 32-Bit Number (IPv4) ह ता है , वजसमें चार 8-Bit Numbers ह ते हैं और चार ं Numbers 0 से 255 की
Range के बीच ह सकते हैं । इन चार ं Numbers क एक Dot का प्रय ग करके एक दू सरे से अलग वकया जाता है ।
• उदाहरण के वलए 170.17.8.192 वकसी समय वकसी Computer का एक IP Address ह सकता है । इस IP Address
के द वहस्े ह ते हैं I पहला वहस्ा उस Network क Identify करता है वजसमें Host Exist है और दू सरा वहस्ा वकसी
Particular Host क Identify करता है ।
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Public IP address दो प्रकार के होिे हैं –
(i) गतिशील आईपी पिा (Dynamic IP Address):
o हमारे Network द्वारा हमारे वकसी Device क Provide वकया गया यह IP Address Number तब तक हमारे
Device क Refer करता है , जब तक हम Net से Connected रहते हैं । जै से ही हम Net से Disconnect ह ते
हैं , हमें Allot वकया गया IP Number वकसी अन्य Device क Provide वकया जा सकता हैं ।
o यवद हम वफर से Net से Connect ह ते हैं , त वफर से हमें वही IP Number प्राप्त नहीं ह गा, बक्ति Internet
द्वारा हमें एक नया Number दे वदया जाएगा। इस क्तस्थवत में हमारा Device त एक ही ह ता है , ले वकन अलग
अलग समय पर Net से Connect ह ने के कारण कई IP Numbers द्वारा Identify ह सकता है । इस प्रकार के
IP Address क Dynamic IP Address कहा जाता है ।
(ii) खस्थर आईपी पिा (Static IP Address):
o यवद हम चाहे त हम हमारे Host यानी Server के वलए एक Static IP Address प्राप्त कर सकते हैं , ले वकन
Static IP Address काफी महं गा ह ता है । यह एक ऐसा IP Address ह ता है , ज Unique ह ता है और कभी
भी बदलता नहीं है चाहे Net से Connected रहे अथवा Disconnected रहे ।
Host or Server
• Network पर क्तस्थत एक वववशष्ट् प्रकार का Computer Host या Server कहलाता है । चूाँवक Host सामान्यतः Server का
काम करता है , इसवलए Host हमे शा बाकी के अन्य Computers की तुलना में अवधक Powerful ह ता है । TCP/IP
Network के हर Host का एक Unique IP Address ह ता है , वजससे उस Host की Network पर एक Unique पहचान
ह ती है ।
• क ई भी Powerful Configuration वाला Computer Host या Server ह , ऐसा नहीं ह ता बक्ति वजस Computer पर
एक Special Type का Software वजसे Web Server, Mail Server अथवा File Server कहते हैं , Installed ह ता है ,
उसी Computer क Host अथवा Server कहा जा सकता है ।
Hostname or Domain
• वकसी भी TCP/IP Network के वकसी Powerful Computer क Host बनाया जाता है , ज उसके Clients क Services
Provide करता है । हर Host का एक Unique IP Address ह ता है , वजससे उस Host क अन्य Clients Identify करते
हैं , ले वकन जब हम Internet से जु िते हैं , तब लाख ं TCP/IP Networks आपस में Connected ह ते हैं । इसवलए वववभन्न
प्रकार के Hosts क Identify करने के वलए IP Address क याद रखना जरूरी ह ता है , तावक एक Client Required
Host से वकसी Service के वलए Request कर सके।
• चूाँवक IP Address वास्तव में एक 32-Bit का Number ह ता है और वववभन्न Hosts के IP Numbers क याद रखना एक
कवठन काम है , इसवलए वववभन्न Hosts क Internet की एक ववशे ष Service द्वारा एक Logical Symbolic नाम दे वदया
जाता है और हमें वकसी Host क उसके IP Number के स्थान पर उसके नाम से याद रखना ह ता है , ज वक तुलनात्मक
रूप से सरल ह ता है । वकसी Host के IP Address के साथ एक नाम Associate करने का काम DNS (Domain Name
Service) व Sun Microsystems Company का NIS (Network Information Services) करता है ।
• जब हम Net से वकसी Website के वकसी web Page क प्राप्त करना चाहते हैं , तब हमें उस Website का web Address
वलखना ह ता हैं । इसी Web Address में हमारे उस Host का नाम ह ता है , वजससे हम Connect ह ना चाहते है ।
• Internet की वजस DNS व NIS Service का प्रय ग करके वकसी Host क एक नाम Provide वकया जाता है , वही Service
हमारे web Address में से Host के नाम क भी प्राप्त करने के बाद Host के नाम के आधार पर उस नाम से संबंवधत IP
Address या IP Number क प्राप्त करता है और हमें उस Host पर पहुाँ चा दे ता है , वजस पर हमारी Required Site
उपलब्ध ह ती हैं । इस नाम क ही Hostname या Domain Name कहा जाता है ।
Resources
• Internet पर वववभन्न प्रकार की ऐसी Files ह ती हैं , वजन्हें Web Browser Support करता है । ये Files क ई HTML, XML
या अन्य प्रकार का Document ह सकता है , क ई Text File ह सकती है , क ई Document File ह सकती है अथवा
क ई Media File जै से वक Image, Sound अथवा Video की File ह सकती है । इन वववभन्न प्रकार की Files क सामान्यतः
एक शब्द में "Resources" कहा जाता है ।
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URL - Uniform Resource Locator
• चूाँवक Internet पर कई प्रकार की Files Available हैं वजन्हें Web Browser द्वारा Access व Use वकया जा सकता है ।
इन वववभन्न प्रकार के Resources का एक Unique Address ह ता है , वजसका प्रय ग करके इन Resources क Web
Browser में प्राप्त व Access वकया जा सकता है । Resources के इन Unique Address क ही URL या Uniform
Resource Locator कहा जाता है ।
• यानी http://www.toppersnotes.com/home.html, home.html नाम के Resource या Document File का एक
Unique Address है । इस Address क Web Browser के Address Bar में Specify करके हम Directly इस Web
Page पर पहुाँ च सकते हैं । ये Web Address ही URL या Uniform Resource Locator है क्य वं क हम जब भी कभी इस
Address क उपय ग में लें गे, हम हमे शा home.html Document पर ही पहुाँ चेंगे। वकसी भी URL के हमे शा तीन भाग
ह ते है -
o Protocol
o Server Name
o Resource with Path
• वदए गए उदाहरण URL में http:// Protocol है , www.toppersnotes.com एक Web Server है और home.html
एक Resource है । अथाक त्
o Protocol http://
o Server Name www.toppersnotes.com
o Resource with Path /home.html
• जब हम इस पूरे URL क Web Browser के Address Bar में वलखते हैं , तब Web Browser इस Address से तीन बातें
समझता है ।
(i) पहली ये वक हम वजस Resource क Web Server से प्राप्त करना चाहते हैं , वह एक HTML Document है क्य वं क
HTML Document क ही Hypertext Document भी कहा जाता है और Hypertext Document क प्राप्त करने
के वलए Web Browser क HTTP Protocol Use करना पड़ता है ।
(ii) दू सरी Information web Browser क ये वमलती है वक हम हमारा Resource वजस web Server से प्राप्त करना
चाहते हैं , उस Web Server का नाम www.toppersnote.com है । अब इस एक नाम के भी तीन वहस्ते हैं –
• जहााँ पहला वहस्ा Web Browser क ये बता रहा है वक हमारा Document वजस Host Computer पर रखा
है , वह एक ऐसा Computer है , ज Internet यानी World Wide Web का एक वहस्ा है , क्य वं क वह World
Wide Web यानी Internet से Connected है ।
• दू सरा वहस्ा उस Computer का नाम है , वजस पर हमारा Document Placed है , ज वक toppersnote है ।
• तीसरा वहस्ा ये बता रहा है वक ये एक Commercial Web Document है और इस Website में Directly या
Indirectly कुछ न कुछ बेचने की क वशश की जा रही है ।
(iii) URL से तीसरी Information web Browser क ये वमलती है वक हम इस website से वजस Document क प्राप्त
करना चाहते हैं , उस Resource का नाम home.html है और ये Document Web Server के Root Folder में है
क्य वं क "/" Character वकसी भी Computer System के Root या Home क Represent करता है ।
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IPv4
IPv4 का पूरा नाम Internet Protocol Version 4 है , यह इं टरने ट प्र ट कॉल का चौथा version है I यह एक connection
less प्र ट कॉल है वजसका प्रय ग Packet switched layer Networkers (जै से : Ethernet) में वकया जाता है । इसे 1981 ई.
में ववकवसत वकया गया था।
• इसका प्रय ग ने टवकक में data packets क ह स्ट विवाइस से िे क्तस्टने शन विवाइस तक deliver करने में वकया जाता है।
इसके अलावा इसका इस्ते माल एक network में devices क identify करने के वलए वकया जाता है ।
• IPv4 में IP address 32 वबट् स का ह ता है । इसे 8 bits के 4 blocks में ववभावजत ( divide ) वकया जाता है I
Example – 166.93.28.10
• 32 वबट के बाइनरी एिरेस क हम िॉटे ि िे सीमल (Dotted Decimals) फॉमे ट में वलखते है क्य वक मानव बाइनरी क
अिी तरह से पढ और याद नहीं रख सकता तथा कंयूटर अपना सारा काम बाइनरी मे करता है ।
• इस 32 वबट बाइनरी एिरेस क 8 वबट या ऑरल के 'समू ह मे दशाक या जाता है तथा प्रत्येक 8 वबट का समू ह एक वबंदु
(Dot) से अलग रहता है । उदाहरण के वलए 11000000 10101000 00001010 00001010 बाइनरी एिरेस क िॉटे ि
िे सीमल में 192. 168.10.10 वलख सकते हैं । बाइनरी नं बर वसस्टम में रे विक्स 2 ह ता है अतः संख्या या त 1 ह ती है या
0 ह गी I
• 8- वबट वद्वआधारी बाइनरी संख्या में पद इन मात्ाओं का प्रवतवनवधत्व करते हैं -
27 26 25 24 23 22 21 20
128 64 32 16 8 4 2 1
Radix 2 2 2 2 2 2 2 2
Exponent 7 6 5 4 3 2 1 0
Octet Bit Values 128 64 32 16 8 4 2 1
Binary Address 1 1 0 0 0 0 0 0
Binary Bit Values 128 64 0 0 0 0 0 0
IPv6
• IPv6 का पूरा नाम Internet Protocol Version 6 है। यह Internet Protocol (IP) का सबसे नया version है तथा इसमें
IPv4 से ज्यादा बेहतर तथा advanced ववशे षताएाँ (features) है । इसे IETF (Internet Engineering Task Force) ने
1998 ई. में ववकवसत वकया था।
• IPv6 का साइज 128 bits का ह ता है और यह भववष्य में IPv4
की जगह कायक करे गा । इस समय यह IPv4 के साथ वमलकर कायक करता है ।
उदाहरण – 2001 : 0db8 : 0000 : 0000 : 0000 : ff00 : 0042 : 7879
• IP एिरेस के द भाग ह ते है वजसमें एक भाग उसके ने टवकक तथा दू सरा ह स्ट (Host ) से संबंवधत ह ता है ।
• IP एिरेसेज क 5 कक्षाओं (Classes) मे बााँ टा गया है -
o Class A
o Class B
o Class C
o Class D (मल्टीकाक्तस्टंग)
o Class E (भववष्य के वलए)
• वकसी भी IP के प्रथम ऑरल से उस IP की िास का पता लगाया जाता है । IP की श्ृंखला 1 से 255 तक ह ती है ज
िासेस के अनु सार वनम्न है -
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o Class A 0-127
o Class B 128-191
o Class C 192-223
o Class D 224-239
o Class E 240-255
• उदाहरण के वलए 10.10.12.50 की िास A है क्य वं क इसका प्रथम ऑरल 10 है ज वक िास A की श्ृं खला में आता
है ।
• IP एिरेस का वकतना भाग ने टवकक का है , वकतना ह स्ट का इसका वनधाक रण सबने ट मास्क (Subnet Mask) करता है। हर
िास के अनु सार अलग अलग सबने ट मास्क वनधाक ररत वकये हैं ज वनम्न प्रकार हैं ।
Class A 255.0.0.0 Class B 255.255.0.0
Class C 255.255.255.0 Class D मल्टीकाक्तस्टंग
Class E भववष्य के वलए
IPv4 क IPv6 में बदला जा सकता है I सभी IPv6 क IPv4 में नहीं बदला जा सकता है I
IPv4 में 4 फीर्ल् ह ते हैं वजन्हें िॉट (.) द्वारा अलग वकया जाता IPv6 में 8 फीर्ल् ह ते हैं , वजन्हें क लन (:) द्वारा अलग वकया
है । जाता है I
IPv4 के IP एिरेस क पााँ च अलग-अलग वगों में ववभावजत IPv6 में IP एिरेस की क ई िास नहीं है ।
वकया गया है । िास A. िास B, िास C, िास D, िास
E।
IPv4, VLSM (Variable Length Subnet Mask) का IPv6, VLSM का समथकन नहीं करता है ।
समथक न करता है ।
IPv4 का उदाहरण - 66.94.29.13 IPv6 का उदाहरण-
2001:00003238: DFE1:00
63:0000:0000:FEFB
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सबनेट मास्क
• सबने ट मास्क वदये गये IP एिरेस से ने टवकक एिरेस जानने के वलए प्रय ग वकया जाता है । विफॉल्ट रूप से हर िास का
सबने ट मास्क ह ता है ।
IP Network & Host Default Subnet Mask
A N N H H 255.0.0.0
B N N H H 255.255.0.0
C N N H H 255.255.255.0
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• ई-मे ल वेबसाइट पर उपय गकताक ने म (ज वक सामान्यतः उसका ई-मे ल एिरेस ह ता है ) व पासविक की सहायता से
लॉग इन कर सकता है और अपनी प्र फाइल क मै नेज कर सकता है ।
• ई-मे ल एिरेस में द भाग ह ते है ज एक प्रतीक @ द्वारा अलग ह ते है I पहला भाग username तथा दू सरा भाग
ि मे न नेम (domain name) ह ता है ।
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