बनारस राज
बनारस राज | ||||||
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इंपीरियल गजेटियर में बनारस राज
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Capital | बनारस (काशी) | |||||
Religion | Hinduism (official) | |||||
Government | Not specified | |||||
History | ||||||
• | Established | 1740 | ||||
• | भारत संघ में विलय | 1948 | ||||
Area | ||||||
• | 1892 | 2,266 km² (875 sq mi) | ||||
Population | ||||||
• | 1892 est. | 115,773 | ||||
Density | 51.1 /km² (132.3 /sq mi) | |||||
Today part of | वाराणसी मंडल, उत्तर प्रदेश, भारत | |||||
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बनारस राज चाहे बनारस रियासत भारत में अंग्रेजी राज के समय में एगो राजघराना रहल जेकर केंद्र बनारस शहर रहे। 15 अक्टूबर 1948 के एह राज के अंतिम राजा भारत संघ में एह राज के बिलय करे के पत्र पर दस्खत कइलेन।
एह राज के अस्थापना अठारहवीं सदी के बीचा में, लोकल जमींदार बलवंत सिंह द्वारा कइल गइल जब भारत में मुग़ल राज के बिघटन होखत रहल, ओकरे बाद ई राज के शासक लोग अवध के नबाब लोगन आ ब्रिटिश शासन के सामंत के रूप में एह इलाका पर शासन कइल। 1910 में ई राज ब्रिटिश भारत के एगो पूरा तरीका के रियासत के दर्जा पा गइल। 15 अगस्त 1947 भारत के अंग्रेजी राज से आज़ादी मिलल आ एकरे बाद बनारस राज के भारत में विलय हो गइल आ ई तत्कालीन संजुक्त प्रांत (यूनाइटेड प्रोविंस) के हिस्सा बन गइल। आजो एह राजघराना के बंसज काशी नरेश चाहे राजा बनारस के नाँव से बनारस के जनता के आदर पावे लें।
राजा बनारस के इहाँ क जनता भगवान् शिव के अवतार माने ला। ई एह शहर के सांस्कृतिक धार्मिक नेता होलें आ कई सारा आयोजन सभ के सुरुआत में हिस्सा लेवे लें। भारत के आज़ादी के बाद अंतिम राजा विभूति नारायण सिंह भारत में विलय के कागज पर दसखत कइलेन; ई बनारस राज के 88वाँ राजा रहलें; 25 दिसंबर 2000 के इनके निधन भ गइल।