अमेरिकी मुस्लिम समुदाय की इन चुनावों में अहम भूमिका है क्योंकि निर्णायक राज्यों जैसे मिशीगन, ओहियो और फलोरिडा में इनकी आबादी की पकड़ मजबूत है। पिछले चुनाव में अधिकांश मुस्लिम नेताओं ने बुश का समर्थन किया था। आतंक के खिलाफ जंग के मामले में राष्ट्रपति बुश की भूमिका को लेकर मुस्लिम समाज में व्याप्त नाराजगी के बावजूद समाज के नेताओं ने कहा था कि उनके प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार सीनेटर जॉन कैरी को चुनाव में समर्थन मिलना तय नहीं है।[4]आतंकवाद के खिलाफ कथित लड़ाई में बुश को ज्यादा आक्रामक मानाजा रहा था। इसलिए ज्यादातर अमेरिकी, मुसलमानों सहित, जॉर्ज डब्ल्यू बुश के पक्ष में वोट दे कर आतंकवाद, अल कायदा और लादेन के खिलाफ लड़ाई के प्रति अपना संकल्पप्रकट कर दिया।[5]