रगड़ना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रगड़ना क्रि॰ स॰ [सं॰ घर्षण या अनु॰]
१. किसी पदार्थ को दूसरे पदार्थ पर रखकर दबाते हुए बार बार इधर उधर चलाना । घर्षण करना । घिसना । जैसे,—चंदन रगड़ना । विशेष—यह क्रिया प्रायः किसी पदार्थ का कुछ अंश घिसने, उसे पीसने अथवा उसका तल बराबर करने के लिये होती है ।
२. पिसना । जैसे, मसाला रगड़ना, भाँग रगड़ना ।
३. अभ्यास आदि के लिये बार बार कोई काम करना ।
४. किसी काम को ज्लदी और बहुत परिश्रमपूर्वक करना । जैसे,—इस काम को तो हम चार दिन में रगड़ डालेंगे ।
५. तंग करना । दिक करना । परेशान करना ।
६. स्त्री के साथ संभोग करना । (बाजारू) । संयो॰ क्रि॰—डालना ।—देना ।
रगड़ना ^२ क्रि॰ अ॰ बहुत मेहनत करना । अत्यंत श्रम करना । जैसे,— अभी यहीं पड़े रगड़ रहे हैं ।