सीरिया में ‘उम्मीद की ज्वाला’ को बुझने नहीं देना होगा, यूएन महासचिव
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि सीरिया में आज आशाओं का पुंज प्रकाशमय है, मगर यदि मौजूदा स्थिति को सतर्कतापूर्वक नहीं सम्भाला गया, तो इसके बुझ जाने का ख़तरा है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने सीरिया नागरिकों और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए समझ-बूझ कर निर्णय लिए जाने होंगे.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि सीरियाई नागरिकों के नेतृत्व में, एक समावेशी, विश्वसनीय और शान्तिपूर्ण राजनैतिक बदलाव के अभाव में वर्तमान प्रगति के दरक जाने का जोखिम वास्तविक है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि पिछले पाँच दशकों के बर्बर, तानाशाही शासन के बाद, “सीरिया के लोग, एक ऐतिहासिक क्षण पर खड़े हैं, और एक अवसर के लम्हे पर भी... इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया जा सकता है.”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र, सीरिया की जनता के साथ खड़ा है, जो देश में बदलाव के लिए एक शान्तिपूर्ण मुहिम को साकार होते देखना चाहते हैं. यह आन्दोलन 2011 में लोकतंत्र के समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ था.
यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि फ़िलहाल किसी भी बात की कोई गारंटी नहीं है. इसलिए, एक नए सीरिया में सभी समुदायों को पूर्ण रूप से एकीकृत किया जाना होगा.
“महिलाओं व लड़कियों के अधिकारों का पूर्ण रूप से सम्मान किया जाना होगा. और इस प्रक्रिया का सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 में निहित सिद्धान्तों के अनुसार पालन करना होगा. हमारा ध्यान ऐसी एक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर केन्द्रित है.”
इस बीच, देश एक विशाल मानवीय संकट से जूझ रहा है, जहाँ संयुक्त राष्ट्र अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, मौजूदा आवश्यकताओं का आकलन कर रहे हैं और तेज़ी से बदली स्थिति के अनुरूप अपने अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं.
यूएन प्रमुख के अनुसार, मानवतावादी और पुनर्बहाली प्रयासों के लिए पर्याप्त सहायता धनराशि की दरकार है, मगर यह रक़म फ़िलहाल उपलब्ध नहीं है.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि सीरियाई लोगों के साथ एकजुटता को दर्शाया जाना होगा और मानवीय सहायता अभियान को ठोस समर्थन देना होगा.
लापता व्यक्तियों की व्यथा
महासचिव गुटेरेश ने सीरिया में लापता हुए लोगों और उनके परिजन की स्थिति पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया. इस क्रम में, उन्होंने सीरिया में लापता व्यक्तियों के लिए यूएन महासभा का शासनादेश (mandate) प्राप्त स्वतंत्र निकाय के लिए मैक्सिको की कार्ला क्विनटाना की नियुक्ति की घोषणा की है.
उन्होंने कहा है कि असद शासन के दौरान अंजाम दिए गए अपराधों की जवाबदेही तय करने और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए यह ज़रूरी है कि अन्तरराष्ट्रीय तंत्रों को हर प्रकार से समर्थन मुहैया कराया जाए.
यूएन प्रमुख के अनुसार, सीरिया में टकराव अभी समाप्त नहीं हुआ है और नागरिक आबादी को हर हाल में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी होगी. देश के उत्तरी इलाक़े में लड़ाई जारी है, जहाँ आतंकी गुट, आइसिल (दाएश) अब भी एक बड़ा ख़तरा हैं.
“बड़े पैमाने पर इसराइली हवाई हमले भी जारी हैं. वे सीरिया की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन हैं. इन्हें रोका जाना होगा.”
सीरिया और इसराइली सैनिकों को अलग करने वाले गोलान में, यूएन शान्तिरक्षा मिशन (UNDOF) इसराइली सैन्य बलों की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए हैं. यूएन महासचिव ने कहा कि इस इलाक़े में यूएन शान्तिरक्षकों के अलावा किसी अन्य सैन्य बल की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए.
आशा से परिपूर्ण, ऐतिहासिक क्षण
उन्होंने सीरिया की सम्प्रभुता, क्षेत्रीय एकता को पूर्ण रूप से बहाल किए जाने की पुकार लगाई और कहा कि लड़ाई पर जल्द से जल्द विराम लगाया जाना होगा.
“यह एक निर्णायक क्षण है. आशा व इतिहास का एक क्षण, मगर गहरी अनिश्चितता का भी.”
“कुछ अपने संकीर्ण हितों के लिए स्थिति का फ़ायदा उठाने की कोशिश करेंगे. लेकिन यह अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का दायित्व है कि वो लम्बे समय से पीड़ा भोग रहे सीरिया समुदाय के साथ खड़ा हो.”