सऊदी अरब: नींबू की ख़ुशबू के साथ, कृषि में नवाचार को प्रोत्साहन
सऊदी अरब में, जल एवं भूमि संसाधनों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, किसानों को नई सिंचाई तकनीकें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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सऊदी अरब में, जल एवं भूमि संसाधनों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, किसानों को नई सिंचाई तकनीकें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा और सर्वाधिक समावेशी भूमि सम्मेलन शनिवार को सऊदी अरब के रियाद शहर में में संपन्न हुआ है, जिसमें दो सप्ताह तक चली गहन वार्ता के बाद वैश्विक कार्रवाई के लिए मार्ग तैयार किया गया है. इसमें भूमि क्षरण, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने के तरीक़ों पर सघन बातचीत हुई है. इन चुनौतियों से विश्व का एक चौथाई हिस्सा प्रभावित है.
दुनिया भर में तीन अरब लोग भूमि की ख़राब गुणवत्ता, बंजर होती ज़मीन जैसी समस्याओं और उसके प्रभावों से जूझ रहे हैं. मरुस्थलीकरण, सूखा पड़ने और भूमि क्षरण का ख़तरा निरन्तर बढ़ता जा रहा है, जिसका खाद्य सुरक्षा और लोगों की आजीविकाओं पर गहरा असर हो सकता है.
संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिण अफ़्रीकी देश, ज़िम्बाब्वे में एक अरब पेड़ लगाने से लेकर, माली में मॉरिंगा पेड़ के उत्पादों का निर्यात करने और कोस्टा रीका में जलवायु कार्रवाई पर केन्द्रित बोर्ड गेम "पैंगुइन बचाएँ" विकसित करने वाले कुछ युवजन को, मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण और सूखे के ख़िलाफ़ सकारात्मक योगदान करने के लिए सम्मानित किया है.
संयुक्त राष्ट्र में मरुस्थलीकरण, सूखे और भूमि की पुनर्बहाली पर काम करने वाले वरिष्ठतम अधिकारी इब्राहीम चियाऊ ने कहा है कि दुनियाभर में सूखा पड़ने की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं और यह अब ‘मन्द गति से आने वाला एक ऐसा, ख़ामोश हत्यारा’ बन गया है, जिससे बचना किसी भी देश के लिए सम्भव नहीं है.
दुनिया भर में तीन अरब लोग ख़राब और बंजर भूमि के प्रभाव से पीड़ित हैं, जिससे "बहुत से समुदायों में प्रवासन, स्थिरता और असुरक्षा के स्तर में वृद्धि होगी."
हर वर्ष 10 करोड़ हैक्टेयर यानि मिस्र देश के आकार के बराबर स्वस्थ एवं उत्पादक भूमि, सूखे व मरुस्थलीकरण के कारण बंजर होती जा रही है, जिसकी बड़ी वजह, जलवायु परिवर्तन और ख़राब भूमि प्रबन्धन है.
पृथ्वी पर क़रीब 40 फ़ीसदी भूमि, क्षरण का शिकार है और हर एक क्षण बीतने के साथ कई एकड़ ज़मीन को क्षति पहुँच रही है. इसके मद्देनज़र, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने देशों की सरकारों, व्यवसायों और समुदायों से भूमि क्षरण की रोकथाम और पृथ्वी की रक्षा करने के लिए पुरज़ोर कार्रवाई की पुकार लगाई है.
मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन के कार्यकारी सचिव इब्राहिम चियाउ के मुताबिक़, सौर व वायु जैसे ऊर्जा के सतत स्रोत, मरुस्थलीकरण व भूमि क्षरण को उलटने में दुनियाभर के समुदायों की मदद कर सकते हैं. 17 जून को मरुस्थीलकरण व सूखे के अन्तरराष्ट्रीय दिवस से ठीक पहले इब्राहिम चियाउ ने यूएन न्यूज़ से बातचीत की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘मरुस्थलीकरण एवं सूखे से मुक़ाबले के लिए विश्व दिवस’ के सिलसिले में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिलाओं के भूमि अधिकार सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया है.
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